वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर के छात्रों ने परीक्षा कॉपी में लिखा ‘जय श्री राम’ हुए पास और मिले ढेरो नंबर !
जौनपुर के पूर्वांचल विश्वविद्यालय से बहुत ही चौंकाने वाली खबर सामने आई है । विश्वविद्यालय में आयोजित कराई गई परीक्षाओं में छात्रों ने अपनी कॉपी में लिखा जय श्री राम और उन्हें पास भी कर दिया गया है इस मामले में कई प्रोफेसर की गलती सामने आई है और उन्हें निलंबित भी कर दिया गया है ।
इस मामले को छात्र दिव्यांशु सिंह ने आरटीआई की मांग कर के सामने लाया | इस मामले की जाँच भी की गयी और कई प्रोफेसर की गलती सामने आई , चलिए जानते है की पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ वंदना सिंह के इस मामले में क्या बयान दिया |
कुलपति डॉ वंदना सिंह ने बताया की यह मामला डीफार्मा कोर्स से सम्बन्धित है | हाली में आयोजित डीफार्मा प्रथम की परीक्षा में छात्र में अपनी कॉपी में धर्मिक नारा लिखा था , जिसे प्रोफेसर ने बिना पढ़े कॉपी गलत का मुल्यांकन कर दिया था , लेकिन जैसे ही इस मामले के बारे में हमे जानकारी हुई तो हमने छात्रों की कॉपियों का फिर से मुल्यांकन करवाया और इस मामले में जिन भी प्रोफेसर की गलती सामने आई है उनके खिलाफ हमने कारवाही भी कर दी है |
कुलपति वंदना सिंह ने सभी शिक्षकों को कड़ी चेतावनी दी है और उन्होंने इस बात की पुष्टि भी कि है की आगे होने वाली विश्वविद्यालय परीक्षाओं में काफी कड़ी जाँच की जाएगी ताकि ऐसी शिकायत फिर न हो |
जौनपुर: जौनपुर जिले के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से यह खबर आई की डीफार्मा की प्रथम वर्ष की परीक्षा (2022- 2023) कराई गई जिसमे छात्रों ने कॉपी में जय श्री राम और क्रिकेटर के नाम लिखे और वे पास भी हो गए ।
ऐसी खबर सामने आई है की , इस मामले की शिकायत राज्यपाल और राजभवन में की गयी थी जिसके बाद कुलपति डॉ वंदना सिंह को इस मामले की जाँच के लिए नोटिस मिला |
छात्रों से अंकों के बदले पैसे वसूलने का लगा आरोप !
दिव्यांशु सिंह ने की थी शिकायत और उन्होंने बताया की कुछ छात्रों ने ऐसा आरोप लगाया है की प्रोफेसर उनसे पैसे लेकर उन्हें परीक्षा में पास करने का आश्वासन दे रहे थें , जिसके बाद छात्र नेता दिव्यांशु सिंह ने कुलपति को सूचना दी और पत्र लिखा और आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के कुछ छात्र को ज्यादा नंबर दिए गए और फिर इस मामले की कार्यवाही शुरू की गयी |
इस मामले की जाँच के लिए बैठक की गयी जिसमे डॉ. विनय वर्मा और मनीष गुप्ता को दोषी पाया गया और उन्हें निलंबित कर दिया गया है |